कैसे निभाऊं मैं नफरत तुमसे,की हैं मैंने मोहब्बत शिद्दत से,ना जाने क्या मुकाम आये हमारी मोहब्बत में,कैसे मिटा दूँ यादों को तुम्हारी, अपनी आदत से.....! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
कैसे निभाऊं मैं नफरत तुमसे,की हैं मैंने मोहब्बत शिद्दत से,ना जाने क्या मुकाम आये हमारी मोहब्बत में,कैसे मिटा दूँ यादों को तुम्हारी, अपनी आदत से.....!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"