16 JUN 2017 AT 18:14

चखी है हर मय मैंने,
लेकिन उतना नशा किसी में नहीं
जितना नशा तेरी निगाहों में हैं,
क्योंकि.....
जब तुझसे नज़र मिली है
इक अलग सा सुरूर चढ़ गया है,

- उन्मुक्त स्याही "SaaR"