चखी है हर मय मैंने,लेकिन उतना नशा किसी में नहींजितना नशा तेरी निगाहों में हैं,क्योंकि.....जब तुझसे नज़र मिली हैइक अलग सा सुरूर चढ़ गया है, - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
चखी है हर मय मैंने,लेकिन उतना नशा किसी में नहींजितना नशा तेरी निगाहों में हैं,क्योंकि.....जब तुझसे नज़र मिली हैइक अलग सा सुरूर चढ़ गया है,
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"