ऐ कासिद इत्तेला कर दे मेरे कातिल को,मेरी रूह अब अल्फ़ाज़ों में रहती हैं.....! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
ऐ कासिद इत्तेला कर दे मेरे कातिल को,मेरी रूह अब अल्फ़ाज़ों में रहती हैं.....!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"