आ लौट चले फिर उस जहां में,जहाँ तुम मेरे हमदम थे...! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
आ लौट चले फिर उस जहां में,जहाँ तुम मेरे हमदम थे...!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"