22 OCT 2017 AT 19:15

#क्या मैं बतलाऊँ...

उलझन में हूँ इतना सा बस
कैसे खुद से मिल पाऊं..
सुख को हँस लूं, दुःख रो लूँ मैं
कैसे मैं खुद को सुलझाउँ..

सारे बंधन एक से मोती
धागे में पिरोये जाते हैं..|
एक-एक कर के सारे टूटे
हाथों से खोए जाते हैं..|

तुम तो बस एक छवि हो प्यारी
तुमको कैसे कैद करूँ
तुमसे क्या पूंछू हाल तेरा
तुम को भी क्या मैं बतलाऊँ..||

- guptajeewrites✍🏻