“कारीगर हूँ साहब, अल्फ़ाजों की मिट्टी से महफ़िलों को सजाता हूँ...कुछ को बेकार तो,कुछ को कलाकार नज़र आता हूँ...” - guptajeewrites✍🏻
“कारीगर हूँ साहब, अल्फ़ाजों की मिट्टी से महफ़िलों को सजाता हूँ...कुछ को बेकार तो,कुछ को कलाकार नज़र आता हूँ...”
- guptajeewrites✍🏻