कभी खोलकर पढना मेरी किताब को, हर वो पन्ना गिला होगाजहाँ जिक्र तेरा हुआ होगा। - Rohit Bhoria
कभी खोलकर पढना मेरी किताब को, हर वो पन्ना गिला होगाजहाँ जिक्र तेरा हुआ होगा।
- Rohit Bhoria