उन्स-ए-वस्ल ब-दस्तूर जारी हैकोई ये न समझे ये जुस्तजूवाबस्ता सिफ़र से है॥ज़मीं से फ़लक तकमुसलसल है नूर जिनकाउनके इख़लास की रिवायत सेबाद-ए-सबा मोजज़ा-ए-हवा बनकर भारी है॥~ रोहन -
उन्स-ए-वस्ल ब-दस्तूर जारी हैकोई ये न समझे ये जुस्तजूवाबस्ता सिफ़र से है॥ज़मीं से फ़लक तकमुसलसल है नूर जिनकाउनके इख़लास की रिवायत सेबाद-ए-सबा मोजज़ा-ए-हवा बनकर भारी है॥~ रोहन
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