क्या याद है तुम्हें वो शामजब कूर्सी पर बैठे-बैठे तुमनेएक स्केच बनाया थाआकर देखोउस चिड़ये पर पंख निकल आया है॥- Rohan Srivastava -
क्या याद है तुम्हें वो शामजब कूर्सी पर बैठे-बैठे तुमनेएक स्केच बनाया थाआकर देखोउस चिड़ये पर पंख निकल आया है॥- Rohan Srivastava
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