हर सड़क किनारे लाशें हैं हर आंख बहता पानी है,
थोड़ी कुदरत की देन है,थोड़ी शासन मेहरबानी है।
किसी के टूटे सपने हैं तो किसी ने खोये अपने है,
हर सांस का बाजार है, हर जर्रा खत्म कहानी है।
इंसानियत ने भी जन्म लिया, कोने कोने मदद जारी है
आशा की मुस्कान चेहरे पे, इंसान होने की निशानी है।
-