इस मन मंथरा को तू बस में कर ले, जीवन संवर तेरा जाएगा, इस जन्म क्या अगले जन्म में भी सुख बहुत तू पाएगा थोड़ा मुश्किल है ये काम, मगर तेरा सब्र ही काम में आएगा।
देखा जो आकाश में, एक सितारा बोल पड़ा, मैं जानती हूं, वो तुम्हीं हो हां वो तुम ही हो मेरी आंखें, आंसू लिए ढूंढती है जिसे उस आकाश में कहने को दिल की बात जिसे हां तुम ही हो हां वो तुम ही हो।
जब जब तुम्हें शब्दों में लिखना चाह आंखों से आंसू झरने लगें, सोचा था लिख कर दर्द कम कर लेंगे, मगर शब्द ही दर्द से भरते चले गए, यादों की जब आंधी चली, बीती जिंदगी के सब पल आंखों में आसूं भरते चले गए।
सफ़र जिंदगी का अब अच्छा लगता नहीं है, वक्त मानों कटता नहीं है, हर कदम भारी सा लगता है, तुम्हें देखने को ही ये मन तरसता है तुम्हारी ही दहलीज पर, बिना तुम्हारे बैठना ही अजीब सा लगता है।