Ravindra Bhartiya   (रविन्द्र'रवि')
150 Followers · 349 Following

read more
Joined 9 May 2018


read more
Joined 9 May 2018
13 JUN 2021 AT 7:11

हद से गुजर के देखा है
अपने अपनो के लिए
गिरते बिखरते देखा है

-


21 MAR 2021 AT 22:05

जरूरतें बहुत जरूरी होती हैं
जरूरतें बहुत भयावह भी होती हैं
कभी कभी ये जरूरतें इतनी बढ़ जाती हैं
कि बेंच डालती है पूरा का पूरा इंसान
उसकी भावनाएं, नेकनीयत,इरादे और हौसला
इसलिए मेरे दोस्त
अपनी जरूरतें उतनी ही रखना
जितनी जरूरतें बहुत जरूरी हों...
©️रविन्द्र"रवि"

-


22 MAY 2020 AT 0:17

"शिकारियों के किसी जानलेवा खेल में हूँ
अजब नसीब है जो वक्त की गुलेल में हूं
वो कत्ल कर के बैठे हुए हैं संसद में
मैं एक रोटी चुरा कर तिहाड़ जेल में हूं"

©शायर राजीव रियाज" प्रतापगढ़ी"

-


30 APR 2020 AT 22:37

माना हम है संघर्षो के धीर पथिक
इन मुस्कानों से वो पुरज़ोर हौसला आएगा
जन जन से जुड़कर बन बहुजन
सत्ता के हैवानों को ज़र्रे तक ढहाया जाएगा

-


11 APR 2020 AT 23:31

मुहब्बत की कशक
अनकहा एहसास
उसे छूने की तम्मना
जो नही है पास
चारो तरफ सजा हुआ है
प्यार का बाजार
तय करना है कि
एक इश्क चाहिए
या फिर कई बहार
ये इश्क क्या हो
ये रंग क्या हो
मुहब्बत की अपनी
क्या दास्तां हो
ये एक आशियां हो
या फिर आसमां हो
●रविन्द्र प्रकाश भारतीय

-


30 JUL 2019 AT 13:38

सांसों के रुकने का बस बहाना है
ज़ख्म भरने के लिए बेपनाह प्यार करना पड़ता है

-


16 FEB 2019 AT 0:47

From my fb page
रविन्द्र रवि के भावों की शब्दशाला

-


16 FEB 2019 AT 0:44

From my fb page
रविन्द्र रवि के भावों की शब्दशाला

-


16 FEB 2019 AT 0:40

From my fb page
रविन्द्र रवि के भावों की शब्दशाला

-


16 FEB 2019 AT 0:29

मेरी कवितायें मेरे fb पेज
'रविन्द्र रवि के भावों की शब्द शाला' से

-


Fetching Ravindra Bhartiya Quotes