इन बादलों की तरह तू भी उड़ा कर......
अनजान है तू अगर, मंजिल का पता नही
हवा पर रख भरोसा, मोडे जहां, वहां पर मुड़ा कर..!!
इन बादलों की तरह तू भी उड़ा कर......
साथ छूट जाए अगर, तेरे मिलने वालों का
कुछ नयों से भी तो, जाकर तू जुड़ा कर...
इन बादलों की तरह तू भी उड़ा कर......
कीमत तेरी बहुत है, मगर अंदाजा तुझे है नहीं
कुछ दिनों के लिए, ज़रा खुद को गुमशुदा कर..
इन बादलों की तरह तू भी उड़ा कर......
गर्जना इतनी मत करना, प्यासा यूं ही मत मचलना..
तुझमें ही समाया नीर है, देख तो ज़रा खुद को तुड़ा कर..
इन बादलों की तरह तू भी उड़ा कर....
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