हिन्दू ख़तरे में है,
मोदी की जान ख़तरे में है,
ब्राह्मण की शान ख़तरे में है,
राम मंदिर का निर्माण ख़तरे में है.
बस इतना ही तकलीफ़ है क्योंकि
और सब कुछ बिलकुल ठीक है.
रोज़गार की समस्या समाप्त,
भ्रष्टाचार गायब, पेट्रोल सस्ता,
बॉर्डर सुरक्षित, किसान खुशहाल और व्यापारी मालामाल.-
"जब मुझे यकींन है की खुदा मेरे साथ है,,,,,,
तो इस बात से कोई फर्क
नहीं पड़ता की कौन मेरे खिलाफ है..."-
इस सदाबहार चेहरे ...
की मायूसी का कारण ...
तुम ही तुम हो.... !!!!
मेरी मजबूरी कुछ ऐसी है....
कि घर मै आ नहीं सकता,
तुम्हे मना नहीं सकता.... !!!!
लेकिन इस मन का ...
सहारा तुम ही तुम हो....
तुम ही तुम हो....!!!!!-
उसके कत्ल पे मैं भी चुप था मेरा नंबर अब आया
मेरे कत्ल पे आप भी चुप हैं अगला नंबर आपका है-
"जो धरापुत्र का शोषक हो
वो हर शासक नकारा है,
जिस पर किसान का रक्त गिरे
वो राजपुत्र हत्यारा है...!”-
भय बिन प्रीत न होत गुसाईं !
भय जब तक जन-साधारण के मन में में सत्ता के प्रति नहीं बैठेगा तो क्या वह सत्ता से प्रीत करेगी ?
प्रीत का अर्थ समझ रहे हैं ना ?
न्यायालय भी उनकी, सेना और पुलिस भी उनकी, हमारा काम बस लुटते पिटते और मरते रहना है, और यही हमारी नियति है ! इसमें ईश्वर का कोई दोष नहीं है, इस नियती का चयन हमने स्वयं किया है !
आप जब यह सरकार का अधिकार मानते हैं कि सरकार किसी को भी आतंकी कह कर जान से मार सकती है, गिरफ्तार कर सकती है तो फिर यही हमारी नियति है !
ईश्वर करे इस देश के इससे भी बुरे दिन आएँ ! लेकिन शायद फिर भी ये ईश्वर को कोसेंगे अपने कुकर्मो को इस हालत का जिम्मेदार नहीं बताएंगे !-
चलेगी अग्निलहर तो सब आएंगे चपेट में,
हम अकेले थोड़ी है इस देश में ।-
बस इतना तो हमने सीख ही लिया है
की कुछ भी परमानेंट नहीं है यहां ।
जो सुख " दुख आज है, वो कल नहीं होगा
-
ये जो आप पढ़ रहे है,
ये जो आप सुन रहे है,
इसके शिकार आप भी होंगे
बस अभी समय तय नहीं हुआ है
- जनहित-