#* धर्म बिक रहा है हर कर्म बिक रहा है
सोशल मीडिया पे बेशर्म बिक रहा है।।* #
कीमत में सिर्फ "स्वविवेक" बेचिये,
या अंधभक्त बन के सिर्फ "एक" सोचिए।
कही सुनी बात को स्वीकार लीजिए,
हर "तथ्य" हर "तर्क" को नकार दीजिए।
मस्तिष्क में तनिक तो "घृणा" पालिए सही,
घृणा भरी पोस्ट को यूं टालिए नहीं।
"लाइक" "शेयर" कर के प्रसिध्द कीजिए,
"आप" में भी घृणा है ये सिद्ध कीजिए।
मित्र बन्धु का भी विरोध कीजिए,
शब्द कम अगर पड़े तो शोध कीजिए।
राष्ट्रहित, देशभक्ति का बोध दीजिए,
बात गर ना बने, प्रतिशोध कीजिए।....
RJT
-