शून्य क्या हैशिखर क्या है ,तुम हमारे साथ हो फिर फिक्र क्या है...जीवन की अंगड़ाईयांकरवटें बदलती रहेगी ... पल- पल प्यार की हमारी, परीक्षाएं चलती रहेंगी... सफलता और असफलता का,जिक्र क्या है?तुम हमारे साथ हो, फिर फिक्र क्या है।©rameshwarmishra -
शून्य क्या हैशिखर क्या है ,तुम हमारे साथ हो फिर फिक्र क्या है...जीवन की अंगड़ाईयांकरवटें बदलती रहेगी ... पल- पल प्यार की हमारी, परीक्षाएं चलती रहेंगी... सफलता और असफलता का,जिक्र क्या है?तुम हमारे साथ हो, फिर फिक्र क्या है।©rameshwarmishra
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किसी पल लिखूँगा, कहानी के अंतिम पंक्ति को... अभी अपने किरदार का सफर, अधूरा है ! ©rameshwarmishra -
किसी पल लिखूँगा, कहानी के अंतिम पंक्ति को... अभी अपने किरदार का सफर, अधूरा है ! ©rameshwarmishra
खुशी है की , कुछ पल तो साथ बिताए हमने... फिर क्यूँ रोना की, हम साथ नही अब ! खुशी है की, हमने मिलकर के, प्यार की नाँव चलाई अपनी, फिर क्यूँ रोना की, लहरों ने झकझोरा ऐसाउम्मीदें वफ़ा की अपनी डूब गई ! -
खुशी है की , कुछ पल तो साथ बिताए हमने... फिर क्यूँ रोना की, हम साथ नही अब ! खुशी है की, हमने मिलकर के, प्यार की नाँव चलाई अपनी, फिर क्यूँ रोना की, लहरों ने झकझोरा ऐसाउम्मीदें वफ़ा की अपनी डूब गई !
जिसके ख्वाबों मे, बिता दी अपनी आधी उम्र, वो पहला इश्क़ मुक्कमल हो, ये जरूरी तो नही... जिसे मान बैठे थे, अपने राह के हमसफर... वो हर सफर मे साथ हो, ये जरूरी तो नहीं। बेशक वो मिटा दे,अपने यादों से मुझे,मै भी उसे भुला दूँ, ये जरूरी तो नही । ©rameshwarmishra -
जिसके ख्वाबों मे, बिता दी अपनी आधी उम्र, वो पहला इश्क़ मुक्कमल हो, ये जरूरी तो नही... जिसे मान बैठे थे, अपने राह के हमसफर... वो हर सफर मे साथ हो, ये जरूरी तो नहीं। बेशक वो मिटा दे,अपने यादों से मुझे,मै भी उसे भुला दूँ, ये जरूरी तो नही । ©rameshwarmishra
भूखे -बिलखते बच्चे, अपने गोद लिए, जो माँ ... सड़कों पे सोने को मज़बूर हो जाती है... दर्द बयाँ करें इनका, अब ऐसी कविताएँ , कहाँ लिखी जाती है... हकीकत से कोसो दूर, भ्रांतियों मे जकड़े, सुहावने सपने बेची जाती है... कवि धर्म का पालन हो, अब ऐसी कविताएँ , कहाँ लिखी जाती है...©rameshwarmishra -
भूखे -बिलखते बच्चे, अपने गोद लिए, जो माँ ... सड़कों पे सोने को मज़बूर हो जाती है... दर्द बयाँ करें इनका, अब ऐसी कविताएँ , कहाँ लिखी जाती है... हकीकत से कोसो दूर, भ्रांतियों मे जकड़े, सुहावने सपने बेची जाती है... कवि धर्म का पालन हो, अब ऐसी कविताएँ , कहाँ लिखी जाती है...©rameshwarmishra
उसका होना , खुशी थी मेरी... उसका जाना, मेरा गम... उससे बातें, यादें बन ठहरी ... उसका कुछ कहना , मेरा हमदम...उससे मुलाकातें, चाय पर बातें ... ये सारे पल ,अब बस है यादें ... उसका होना,जीवन था मेरा, उसका जाना, मेरा अंत। ©rameshwarmishra -
उसका होना , खुशी थी मेरी... उसका जाना, मेरा गम... उससे बातें, यादें बन ठहरी ... उसका कुछ कहना , मेरा हमदम...उससे मुलाकातें, चाय पर बातें ... ये सारे पल ,अब बस है यादें ... उसका होना,जीवन था मेरा, उसका जाना, मेरा अंत। ©rameshwarmishra
अगर संघर्षों से जूझते , मझधार में हो तुम... खुद पे विश्वास किये, थामे धैर्य का हाथ हो तुम...खुद ही लिखोगे एक दिन,अपने जीत की दास्ताँ... यदि आख़िरी साँस तक, लड़ने को तैयार हो तुम ! ©rameshwarmishra -
अगर संघर्षों से जूझते , मझधार में हो तुम... खुद पे विश्वास किये, थामे धैर्य का हाथ हो तुम...खुद ही लिखोगे एक दिन,अपने जीत की दास्ताँ... यदि आख़िरी साँस तक, लड़ने को तैयार हो तुम ! ©rameshwarmishra
अनसुलझे रिश्तें, तबाह सपनें, ना उम्मीदें, राख यौवन... और ये, जिंदगी मौसम सी । -
अनसुलझे रिश्तें, तबाह सपनें, ना उम्मीदें, राख यौवन... और ये, जिंदगी मौसम सी ।
एक ख़ामोशी लिए, खुद को ढूँढता फिर रहा हूँ... शोर मे दफ़न कर अंतर्मन की आवाज, खुद को खो चुका था मै ! ©rameshwarmishra -
एक ख़ामोशी लिए, खुद को ढूँढता फिर रहा हूँ... शोर मे दफ़न कर अंतर्मन की आवाज, खुद को खो चुका था मै ! ©rameshwarmishra
सपनें, प्रमाण है, मनुष्य के जीवन्त होने का... सपनों का इतिहास, उन्हीं के नाम है... जिन्होंने दर्ज की ,अपनी उपस्थिति जीवन के संघर्षों में, खुद को पाने के लिए। ©rameshwarmishra -
सपनें, प्रमाण है, मनुष्य के जीवन्त होने का... सपनों का इतिहास, उन्हीं के नाम है... जिन्होंने दर्ज की ,अपनी उपस्थिति जीवन के संघर्षों में, खुद को पाने के लिए। ©rameshwarmishra