27 JUL 2017 AT 12:45

सुन लो दुनिया वालों,
ये मेरा कहना हैं,
नारी इस समाज का एक क़ीमतों गहना हैं,
क्यूँ सोचते हो नारी कमज़ोर हैं,
नारी के हाथो में तो आज भी घर चलाने की डोर हैं,
दफ़्तर भी जाए, घर भी सम्भाले, बच्चों को भी देखे, मुश्किल वक़्त में पति को भी सम्भाले,
उसके कंधो में तो इतना ज़ोर हैं,
हौसला देख नारी का,
हर ज़ुल्म सहती हैं फिर भी कुछ नहीं कहती हैं,
दर्द में भी नारी सिर्फ़ मुस्कुराती रहती हैं,
अपनी ख़ुशी से पहले तेरी ख़ुशी चाहती हैं,
तेरी ज़िम्मेदारियाँ भी ये ख़ुद उठाती हैं,
इसलिए तो नारी देवी कहलाती हैं,
हैं हिम्मत को एक बार नारी की ज़िंदगी जीके देखो,
अपने मर्द होने के घमंड में तुम यूँही बड़ी बड़ी ना फेंको,
जब एक दिन भी तू नारी बनके ना काट पाएँगा,
तब तुझे नारी का असली महत्त्व समझ आएँगा,
पक्षपात करता आया हैं नारी के साथ आज तक,
ये तुझे एहसास हो जाएगा,
तू मोहताज हैं उसका वो तेरी मोहताज नहीं,
ये बात भी तू आँचें से समझ जाएँगा।

- Raman