14 AUG 2017 AT 19:44

लोग अक्सर मुझसे पूछा करते हैं,
की क्यूँ तुम चुप रहते हो,
क्यूँ तुम इतना सब सहते हो,
चाहे कोई तुम्हें कितना भी दर्द दे,
तुम पल भर में उसे माफ़ कर देते हो,
क्यूँ तुम किसी को मुँह तोड़ जवाब नहीं देते हो,
कैसे इतना कुछ सहके भी हर पल मुस्कुरा लेते हो,
आख़िर तुम इंसान हो या कोई फ़रिश्ते हो,
मैं हंस के जवाब दे देता हूँ,
मैं कोई फ़रिश्ता नहीं,
मैं इंसान ही हूँ, लेकिन इस इंसान में अभी इंसानियत बाक़ी हैं,
मैं सब कुछ देखता हूँ,
और चुप चाप देखता हूँ,
और मैं अगर चाहू तो मुँह तोड़ जवाब भी दे सकता हूँ,
किंतु मैंने ये हक़ मेरे रब को दिया हैं,
और जब मेरा रब मेरी जगा जवाब देगा ना,
तो मेरे दोस्त, पल भर में सबके मुँह बंद कर देगा।

- Raman