कौन पूछता है साहब जब ज़िन्दगी ही हार गयी साथ चलते चलते नीम से कड़वे हो गए हैं आजकल लोगो के मिज़ाज़ मेरे लिए । #राखी - #राखी
कौन पूछता है साहब जब ज़िन्दगी ही हार गयी साथ चलते चलते नीम से कड़वे हो गए हैं आजकल लोगो के मिज़ाज़ मेरे लिए । #राखी
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