20 MAY 2018 AT 11:51

ये किसी परिचय के मोहताज नही होते
लाखो की भीड़ मे भी पहचान नही खोते
किसी के सामने ये कभी सर नही झुकाते
जीवन मे कभी भी ये मात नही खाते
अमावस की रात मे भी ये चांद से चमक जाते
कोई दिखे भले न ये दूर से नजर आते
ये लोग अपनी उम्र से भी आगे निकल जाते
भैया की उम्र मे ये दादा का मान पाते
सिर पे है सीधे इनके आसमान होता
चेहरे के साथ सिर भी शोभायमान होता
किस्मत के धनी ये बड़े होशियार होते
छोटी सी उम्र मे भी ये मालदार होते
कितने ही बड़े हो शूरमा इनसे है घबराते
कितनी भी करे कोशिश बाल बांका न कर पाते
सिर की तरह इनके दिल भी है साफ होते
गंजे किसी परिचय के मोहताज नही होते


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