ज़िंदा हूँ मैं
जितने लोग उतनी बाते
जितने बातें उतनी ताने
इन तानो से घबराता नहीं हूँ मैं
इस्सलिये शायद ज़िंदा हूँ मै
जितनी चाह उतनी लालसा
जितनी लालसा उतनी हादसा
इन हादसाओ से डरता नहीं हूँ मैं
इस्सलिये शायद ज़िंदा हूँ मैं
जितनी ठोकरे उतनी रुकावतें
जितनी रूकावतें उतनी मस्ककतें
इन मस्ककतें से टूटता नहीं हूँ मैं
इस्सलिये शायद ज़िंदा हूँ मैं
ज़िंदा हूँ मैं....
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