Rajat Saboo   (Gumnam)
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Joined 22 March 2018


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Joined 22 March 2018
29 OCT 2020 AT 8:11


नींद की नदियों पर ख्वाबों के पुल बांधे है,,
छोटी सी बड़ी ख्वाहिशों को पूरी करने कई रात जागे है।

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28 OCT 2020 AT 8:05


सफर तो ता-उम्र चलना है,
तू तेरी मंज़िल का होके तो देख,
एक नई मंज़िल फिर ना नजर आए तो कहना।

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21 OCT 2020 AT 10:41

Ishq ki dastano ko kuch nae sire se likhte hai , chlo ham paak mohobat krte hai
-Rajat.
इश्क की दास्तानों को कुछ नए सिरे से लिखते है,
चलो हम पाक मोहब्बत करते है।
-Rajat

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1 APR 2019 AT 13:38

"एक शक्श"
Continue in caption.

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25 MAR 2019 AT 23:29

Mai wqt ko tham lu
ya tum mera hath tham lo ,
Mai byaa kru mohobat meri,
jo tum yeh sham tham lo.

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25 MAR 2019 AT 20:47

Ghul -e- cigrate si, teri yade bhi jhd jae
Toh tera jane ka gam kuch toh kam ho..

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23 MAR 2019 AT 23:55

Sfr toh ta-umr chlna hai tu teri manzil ka hoke toh dekh ek manjil fir nazar na aae toh khna..

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23 MAR 2019 AT 23:43

सुनो तुम्हारी याद आई है ,
लौट कर मेरे पास तुम्हारी परछाईं आई है,
तुम्हे में अब याद हूं, या भुला दिया मुझे ,
एक अरसे से तुम्हारी कोई चिट्टी नहीं आई है,

Continue in caption below.

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11 MAR 2019 AT 22:34

Voh lipt jana usska muj se har mulakat pe
aur voh uss ki tezi se dhdkte hue dill ka smbhl jana
har sham usska muj se milna aur fir se mera ho jana .

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28 NOV 2018 AT 19:31

एक कविता है जो सुनाना चाहता हु,
कुछ सवाल है मेरे उनसे जो पूछना चाहता हु ।
की जब प्यार नही है हम से तो ये हमदर्दी क्यूँ दिखलाते हो,
जब निभा ही नही सकते तो प्यार क्यूं जतलाते हो,
हो गए हो गैर क़े तो उनसे वफ़ा क्यों नही निभाते हो,
जब प्यार नहीं हमसे तो ये हमदर्दी क्यू दिखलाते हो।
आज भी क्यू मेरी वफ़ा को आज़माते हो।
क्यू मुझे बेवजह आशिक बनाना चाहते हो।
खिलौने बहुत है बाज़ारो मे इस तरह क्यु मेरे दिल से खेलना चाहते हो।
तुम शायर कहती हो खुद को तो शब्दो को क्यु नही समजाति हो,
हकीकत से रुबरु होने से क्यु डर जाती हो ।
इज़हार-ए-नफरत तुमने ही तो किया था महफ़िल मे सरे आम,
अब क्यु अपने फैसले से मुकर जाना चाहती हों।
मेरे बगैर रहना आसान है तुम्हारे लिए तो अच्छा है,
पर इस बात पर यकीन क्यू नही करना चाहती हो।

रकीब से भी प्यार करती हो या महज दिल बहलाती हो ,
क्या उसे भी आशिक़ बना के छोड़ देना चाहती हो।
जब प्यार नहीं है हमसे तो यह हमदर्दी क्यों दिखलाते हो।

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