कलम उठाओ सोचो और लिख डालो,
आज नापसंद हो लोगो के लिए,
खुद को बेहतर बनाओ,ये सोच तुम्हारी है तुमसे कोई छीन नहीं सकता
कवि बनना ज़रूरी नहीं,तज़ुर्बा बना देगा तुमको जो बनना है,लिखो और बस लिखते जाओ।।
जब उन पंक्षी को भी लग गए थे सदियो ये जानने मै की इन पंखों का क्या महत्व,तुम तो फिर भी एक आम से खास तक के सफर के मुसाफिर हो।
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