काश
हाथ मेरा थामकर थोड़ी दूर तुम चलो तो पता चलता कि मैं तुम्हें कितना चाहता हूं,
अपने कल की परछाई को भुला कर मुझे अपने आज में जगह दो तो पता चलता की कितना चाहता हूं
बात करके मुझसे जो तुम खिलखिलाते तो पता चले की में क्या महसूस करता हूं
अपने दिल में जो तुम मुझे बसाते तो महसूस कर पाती कि कितना चाहता हूं
आंखो पर पड़े अपनी यादों के पर्दे को जो तुम जरा हटाती तो देख पाती की कितना चाहता हूं
कभी जो मुझ पर अपना हक जताती तो महसूस कर पाती की कितना चाहता हूं
काश यह इच्छाएं सच हो पाती तो तुम्हे महसूस होता कि कितना चाहता हूं।
काश यह सिर्फ काश ना रह जाए, क्या पता इस आपदा के दौर में मैं ही ना रहूं,
फिर सिर्फ मेरी बाते और मेरी यादें रह जाएंगी फिर शायद तुम महसूस करोगी कि में कितना चाहता हूं
जब महसूस होगा मेरा होना और ना होना तो शायद पता चलेगा कि में कितना चाहता हूं।
मैं तुम्हे बहुत चाहता हूं, मैं तुम्हे बहुत चाहता हूं, मैं तुम्हे बहुत चाहता हूं...
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खोकर खुद को मैने इन पहाड़ों में,
मैने अपने आप को पाया है
यूं तो बिखर चुका था मैं दुनियां के चाल चलन से
लेकिन इन पहाड़ों ने ही मुझे जीना सिखाया है-
मेरी आदत यह बुरी इस कदर आम हो गई
दूसरों की खुशियों में खुद की ख़ुशी नीलाम हो गई।-
"खुद में ही कुछ गुम सा हूँ मैं,
आजकल ज़रा चुप सा हूँ मैं।।
वैसे तो खुशियां है हजार मेरे पास
पर कुछ अधूरा सा हूं में
हूं तो मौजूद लेकिन कहीं खोया हुआ हूं मै
आजकल थोड़ा कम सोया हुआ हूं मैं।
अगर मिल जाऊ किसी मोड़ पर तुम्हे
तो जरा मेरा हाल पूछ लेना,
जिंदगी की भागदौड़ में थोड़ा लापरवाह हूं में
सबकी करता परवाह अपने लिए बेपरवाह हूं मै
कभी हुआ करता था महफिलों की रौनक
लेकिन आजकल गुमसुम सा हूं मैं
खुद में ही कुछ गुम सा हूं मैं
आज कल जरा चुप सा हूं मैं।
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जाते जाते वो मुझे खुश रहने के लिए
अपनी कसम दे गई
बड़ी नादान सी थी वो
कहके गई की मुझे भूल जाना
और अपनी ही कसम में कैद भी कर गई।-
उसकी आंखे इतनी गहरी है कि तैरना तो आता नहीं
पर उनमें डूब जाने को दिल करता है
उसकी जुल्फे इतनी घनी है कि डर लगता तो बहुत है
पर उनमें खो जाने को दिल करता है
उसकी हंसी इतनी प्यारी है कि जीने की ख्वाहिश तो बहुत है
पर उस पर मर जाने को दिल करता है-
In this culture of hookups and one night stand
Lets be an epitome of an old school love❤️-
Mountains or me she asked
Traveling to mountains with you I replied
😀-
लक्ष्य के बारे में सोच रहा था
जीत के ख़यालो में खोया हुआ था
तभी मेहनत ने जगा दिया
काम अभी पूरा नहीं हुआ यह बता दिया।-