हां मुझे अब मोहब्बत नहीं होती किसी से
नही आता मुझे कोई पसंद ,पहली नजर में अब
मैं भूल गया हूं वो सब छलावे जो इश्क में होते है
मुझे याद नही वो हवाई वादे जिनसे छले जाते है लोग
मुझे नही है स्वार्थ बिलकुल भी तुमसे किसी भी तरह का
क्यों कि मैं ये सब झूठी दुनिया में नहीं हूं तो क्या हुआ
तुमको पसंद नही ,सच्चाई से जीना ......तो क्या हुआ
मैं तुमसे बिना मिले, तुमको बिना देखे कभी भी एक बार
मोहब्बत कर सकता हूं ,जीवन भर की तुमसे देखना तुम
मुझे सिर्फ तुम्हारी बातें सुन नी है और कहना है बहुत कुछ
हा जब भी मिलने आओ तो वादा करना मुझसे बड़ा मुश्किल
तुम फोन साथ मत लाना, हम बात करेंगे एक दूसरे से
महसूस करेंगे बातों की गहराई और वो सच्चा प्रेम
दिल की तेज धड़कन और होंठो की प्यारी सी मुस्कराहट
फिर लिखना है बहुत कुछ तुझे सोच कर मोहब्बत की तरह
भले जीवन में तू फिर कभी ना मिले मुझे मुकम्मल इश्क को तरह
मेरे इश्क की प्रेरणा हमेशा तुमसे आती रहेगी चंदन की खुशबू की तरह
मैं हमेशा खिला कर रखूंगा तुम्हें कचनार के फूलों की तरह
तुम हमेशा महकना मेरी कविताओं में रात रानी की तरह
तुम मिलोगी मुझसे तो , हम इश्क की रस्में निभायेंगे
और कभी जब बुढ़ापे में सुनाऊंगा में अपने इश्क के चरचे
तो ये लौंडे है न आजकल की मोहब्बत वाले,मेरे पैर दबाएंगे
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