अंदाज़-ए-गुफ्तगू सेये जो तुमने फरेब का ताज़महल खड़ा किया है ना..ये एक दिन ताश के पत्तों की तरह बिखर जायेगा.. - ©️स्पर्श
अंदाज़-ए-गुफ्तगू सेये जो तुमने फरेब का ताज़महल खड़ा किया है ना..ये एक दिन ताश के पत्तों की तरह बिखर जायेगा..
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