Rahul Gautam   (#Rahulquotes)
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Joined 22 August 2017


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22 JAN AT 9:43

कौशल देश, अयोध्या राजा, राम सियावर राज करें
हरें वो सबकी पीड़ा निशदिन, सफल सभी का काज करें
दिए जलाएँ जगमग जगमग, चारों ओर रहे उजियारा
रोशन बाहर, रोशन भीतर, हम अपना मन आज करें !!

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रामोत्सव की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

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17 SEP 2023 AT 8:46

पिघलती धूप को घुटनों पे रोज़ मलता हूँ
बता गया है मुझको..... ये दवा सा कोई
ज़िंदगी तेरे जनाजे पे चलेंगे हम भी
रंग देखेंगे तेरा हम भी नया सा कोई...!!

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17 SEP 2023 AT 8:45

हाँ यकीं करते हैं शम्मा की तरह जलने में
हम नहीं बेचते सपनों का कुहासा कोई
पाँव रखते हैं तो जम के ही अड़ा करते हैं
हम नहीं रखते हैं मिट्टी का बताशा कोई

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17 SEP 2023 AT 8:45

उठा सीने में धुंआ बनके तमाशा कोई
चल बना धूल से सोने का तराशा कोई
बेअसर होने से पहले ही असर कर देना
न मिले खून को पानी का दिलासा कोई



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16 SEP 2023 AT 7:40

हम भी हैं, तुम भी हो, है ये सारा जहां
ख्वाहिशों के हैं घर में दफन और भी
है मुसलसल कहानी कहाँ इश्क़ की
कुछ मरे हैं मरेंगे मगर और भी...

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16 SEP 2023 AT 7:39



आईना जबसे चेहरा दिखाने लगा
तबसे झुकने लगी ये नजर और भी
हुस्न के दाँव देखे तो हैरां हैं हम
बेसबब हो गए बेसबर और भी

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16 SEP 2023 AT 7:37



लफ्ज़ के दरमियाँ फासला कम रहा
वरना होते सुखन में सुखन और भी
राख भी बुझ गई तेरी यादों की जब
दिल ये देने लगा तब धुँआ और भी

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14 SEP 2023 AT 14:09


पेश कर रही है हाँ रोज इक मिसाल तू
कर रही है हिन्दी अब काम बेमिसाल तू

रोपती है भाव तू एकता के मर्म का
ज्ञान के प्रकाश से प्रभात है तू कर्म का
लालिमा है सूर्य की, तीक्ष्ण सी है लाल तू
कर रही है हिन्दी अब काम बेमिसाल तू

बढ़ रही है चढ़ रही तू ओर से है छोर तक
बात हो रही तेरी है शाम से हाँ भोर तक
वृक्ष बन रही है अब देख क्या विशाल तू
कर रही है हिन्दी अब काम बेमिसाल तू

नित्य है नवीन तू, कार्य में प्रवीण तू
दक्ष है तू तर्क में, भाव में जहीन तू
सबको लेके चल रही क्या नाम है कमाल तू
कर रही है हिन्दी अब काम बेमिसाल तू

रच रही तू बस रही, जन जन के गीत में
गा रहें हैं सब तुझे, हार में भी जीत में
माँ के जैसे लाड़ती, दुलारती है गाल तू
कर रही है हिन्दी अब काम बेमिसाल तू

राजा हो या रंक हाँ सभी का थामे हाथ तू
साथ है सभी तेरे, चली सभी के साथ तू
भूखे की रोटी बनी, गरीब की है दाल तू
कर रही है हिन्दी अब काम बेमिसाल तू

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2 SEP 2023 AT 7:41

चेहरे तमाम आज ख्यालों में आ गए
इतने उदास थे कि सवालों में आ गए
पूछा किए कि आईना, दुनिया या ज़िंदगी
वो खुद ब खुद उतर के उजालों में आ गए

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24 AUG 2023 AT 6:18

लो आ गया हूँ चाँद तक,अब आँख है कोई नम नहीं
उस फलक की रोशनी तक ये सफर भी कम नहीं
थी भरी लपटों से मंज़िल, पार से उस पार तक
और बुझा मुझको सके, ऐसा हवा में दम नहीं...!!

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