बनकर बारिश ये अश्क बिखर जाते है गुजरे लम्हें जब छूकर यू जाते है..... - रागिनी -सुकृति
बनकर बारिश ये अश्क बिखर जाते है गुजरे लम्हें जब छूकर यू जाते है.....
- रागिनी -सुकृति