9 JUN 2018 AT 17:58

ज़मी पर खड़ा मै, ढूंढता हूँ आसमान से बारिश की उस बूंद को, जो मुझे भी भीगा दे,
पर नाही वो बूँद मिली, ना ये बारिश थमी, और ना ये कम्बखत आस...

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