चलते चलते जब तुम थक जाओ, और मन ठहरने का करे,
बेधड़क होकर पुकारना हमे, ठंडी हवा के झोंके में लिपटकर, छूकर गुज़र जायेंगे,
या फिर बिसरी कहानी के मिसरे किसी को सुनाने का मनन करे,
एक बार दबे होंठों से इशारा करना नाम हमारा, नज़र झुका कर, मुस्कुराते हुए, तुम्हारे ज़हन से चले जायेंगे....
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