यकीनन दुनिया से बिछड़ रही हूँ,दूरियांबढ़ रही है जमानेभरसे और खुद से खुद अबजाकर मिल रही हूँ,,,purnima - Jaahnashien
यकीनन दुनिया से बिछड़ रही हूँ,दूरियांबढ़ रही है जमानेभरसे और खुद से खुद अबजाकर मिल रही हूँ,,,purnima
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