14 FEB 2018 AT 17:12

वफा तेरी मेरी
अल्हदा-अल्हदा है,

दूर रहकर भी हम दोनों
में,अनजान सा रिश्ता है,

तू चाँद है दिल के आँगन का,
सितारों सा सजा मेरा जहां है,

मेरी दुआ में है तू,मेरी चाहत
तेरी मुस्कुराहट तेरी हर अदा है,

चल जी भरके जी लें हम-तुम,
कल हो ना हो जिन्दगी बड़ी
बेवफा है,,,Copyright by
Purnima Chhabra Jain@2017

- Jaahnashien