तू भूल गया हो बेशक मगर,तेरी चाहत पाले हैं रूह में आजतक,आस के दीप जलाकर बैठे हैं राहों में,तू आएगा जरूर,चाहे गफलतें हों दरमियां कई बेशक,,,purnima - Jaahnashien
तू भूल गया हो बेशक मगर,तेरी चाहत पाले हैं रूह में आजतक,आस के दीप जलाकर बैठे हैं राहों में,तू आएगा जरूर,चाहे गफलतें हों दरमियां कई बेशक,,,purnima
- Jaahnashien