20 JUL 2017 AT 21:21

तन्हाई थी जिंदगी में,
गम था हर कदम,
बैठे थे इन्तज़ार में,
जाने कब बीत जाए
दर्द की धूप,आ जाए
खुशियों का सावन,
,,, purnima

- Jaahnashien