22 NOV 2017 AT 22:17

पत्थर बन गया है मोम-सा
दिल,सितमगर तेरे सितम
अब कहर बनकर,हमें कहाँ
डरा पाते हैं,कई बार समंदर
छलके नयनों से मगर अब,
सागर भी सूखे रूके नज़र
आते हैं,तरसते रहे जिस
गुलशन के लिए फूल दिल
के,उजड़े वीराने वहाँ नज़र
आते हैं,,,purnima

- Jaahnashien