कुछ ख्वाब गुमसुम रहतेहैं,पनीली भोर में,सांझ की कतरने चुभती हैं,यूँ तो साराआकाश है मेरा कहने को,मगर ना जाने क्यूं तनहाई दिल में रहती है,,,purnima - Jaahnashien
कुछ ख्वाब गुमसुम रहतेहैं,पनीली भोर में,सांझ की कतरने चुभती हैं,यूँ तो साराआकाश है मेरा कहने को,मगर ना जाने क्यूं तनहाई दिल में रहती है,,,purnima
- Jaahnashien