18 JUN 2018 AT 12:05

कुछ ख्वाब गुमसुम रहते
हैं,पनीली भोर में,सांझ की
कतरने चुभती हैं,यूँ तो सारा
आकाश है मेरा कहने को,
मगर ना जाने क्यूं तनहाई
दिल में रहती है,,,purnima

- Jaahnashien