18 JUN 2018 AT 12:00

छलती है तुम्हारे लबों
की हंसी,मौन धड़कनें
थिरकती है,सावन आया
तो नहीं मगर,ये आँखें ना
जाने क्यूँ बरसती है,,,purnima

- Jaahnashien