छलती है तुम्हारे लबोंकी हंसी,मौन धड़कनेंथिरकती है,सावन आयातो नहीं मगर,ये आँखें नाजाने क्यूँ बरसती है,,,purnima - Jaahnashien
छलती है तुम्हारे लबोंकी हंसी,मौन धड़कनेंथिरकती है,सावन आयातो नहीं मगर,ये आँखें नाजाने क्यूँ बरसती है,,,purnima
- Jaahnashien