19 FEB 2018 AT 20:21

बस गया है रूह
में नाम ऐसे,
जिस्म में सांस
हो जैसे,मैं
लफ्ज़-लफ्ज़
सहेजूं दिल में,
माला शब्दों की
बुनी हो जैसे,,,purnima

- Jaahnashien