14 JUN 2018 AT 21:51

भोर की
ओढ़नी ओढ़े,
शरमाई सुबह
की लाली
बोली,सितारों
की चादर
में रख
आई हूँ ख्वाब
सुहाने,कजरा
बना ले
रात को,
मुस्करा हौंसलों
के पंखों से
भर उड़ान,
जिंदगी है
थोड़ी सांझ-सी,
थोड़ी-सी है
भोर सुनहरी,,,purnima

- Jaahnashien