Priyesh Bharkhada   (Priyesh Bharkhada)
1.1k Followers · 260 Following

ॐ नमः शिवाय 🔱
#priyeshbharkhada
Joined 24 September 2017


ॐ नमः शिवाय 🔱
#priyeshbharkhada
Joined 24 September 2017
4 APR 2023 AT 19:50

एकतरफा ही सही प्रेम तो है
हमारे वजूद में आपका हिस्सा तो है

मुलाक़ात न सही दीदार तो है
हमारे लफ़्ज़ में आपका एहसास तो है

संगम न सही ख़्वाब तो है
हमारे ईश्वर में आपका नाम तो है

अधूरा सही मुक्कमल तो है
हमारे प्यार में आपका आशियाना तो है

नाकाम सही कोशिश तो है
हमारे दिल में आपका नूर तो है

दूरियां सही कशिश तो है
हमारे हक़ में आपका इंतज़ार तो है

अंजान सही साथ तो है
हमारे अल्फाजों में आपका किस्सा तो है

एकतरफा ही सही प्रेम तो है
हमारे वजूद में आपका हिस्सा तो है

-


20 JUL 2022 AT 22:59

आंखों में शामिल पानी कहाॅं हैं

सुकून के कुछ लम्हे कहाॅं हैं
बचपन की मासूमियत कहाॅं हैं

मोहब्बत से भरें वो जज़्बात कहाॅं हैं
रूह में बसा वो महबूब कहाॅं हैं

गैरों में शामिल अपना कहाॅं हैं
दिल की धड़कनों में वो नाम कहाॅं हैं

रात हमारे ख़्वाब कहाॅं हैं
यादों से पूछें हमारी नींद कहाॅं हैं

-


18 JUL 2022 AT 23:20

बैचेन दिल को सुकून मिलता है
बहके जज़्बातों को सहारा मिलता है
ऐसे लिखीं गई कहानी दो रूह की
तन्हाइयों में भी मोहब्बत का एहसास मिलता है।

-


27 AUG 2021 AT 0:17

मिलकर इसे मुक्कमल दुआएं देते है,
मिटाकर आशियाना ग़म का
मिलकर इसे मोहब्बत का तोहफा देते है ।।

-


25 AUG 2021 AT 2:03

रात की आगोश में आज भी तन्हा रहता है
रूह से जुड़े शख्स की यादों में आज भी तड़पता है,
निभाया था रिश्ता उनसे अपनी इबादत की वफादारी से
और आज भी हर लफ्ज़ में शामिल उनकी सलामती की दुआ है,
खुदा करे मुक्कमल हो वफादार जज़्बात हमारे
क्योंकि ज़िंदगी की हक़ीक़त में शामिल आज भी पहचान उनकी है।।

-


15 AUG 2021 AT 0:36

लौह पुरुष का ध्येय स्वतंत्रता था,
अहिंसा के मार्ग से लोगों को जोड़ा था,
खुन के बदले आज़ादी जिसका जुनून था,
लाखों की कुर्बानी से एक सपना सच हुआ था,
धर्म जाति से परे साथ मिलकर देशहित में दिया बलिदान था,
तब जाकर हिन्दुस्तान का झंडा गर्व से लहराया था ।

आज फिर सब मिलकर एक कसम लेते है,
ऊंच-नीच धर्म-जाति से परे हमारी सोच को बुलंद करते है,
देकर सम्मान हर नारी को उनके खौफ को मिटा देते है,
प्रेम और भाईचारे से हिन्दुस्तान को मोहब्बत का तोहफा देते है ।

-


18 JUL 2021 AT 11:06

लेकर बाहों में मोहब्बत का मौसम दे गया
आंखों में बसें अश्कों को चाहत की बरसात दे गया,
है ये दिल आज भी एक कश्मकश में
रूह में बसे एहसासों को क्यूं वो फरेबी अंज़ाम दे गया ।।

-


7 JUL 2021 AT 10:54

मदहोश जज़्बातों से रात का अफसाना जुड़ गया,
तेरे जिस्म की महक से मेरा इश्क़ मुक्कमल हो गया ।।

-


29 JUN 2021 AT 0:15

ज़हन में बस कर रूह की परछाई बन गया,
दुआ में बस कर इश्क़ की हक़ीक़त बन गया ।।

-


27 JUN 2021 AT 13:25

फैसला मोहब्बत का सुना गई,
रूहानी इश्क़ हमारा
किसी ओर से वादा निभा गई,
अधूरी रही एक दास्तां
जो किसी ओर के हिस्से ज़िन्दगी निभा गई,
किया फैसला अगर
हमने किसी ओर से मोहब्बत का,
तो फिर इस जहां में
क़यामत के अंदाज़ की तैयारी हो गई ।।

-


Fetching Priyesh Bharkhada Quotes