23 MAR 2017 AT 18:36

वो गरीब ही अच्छे है साहब
जो वक्त आने पर
खुद को बेचकर भी साथ देते है ।

अमीरों की इतनी ओकात कहा
ये तो हाथ मिलाकर भी
स्वार्थ निकाल लेते है ।।

- प्रियांश