अनंत देकर शून्य रह जाना...मन की परतों को हटा कर पाना की हम स्वयं ही स्वयं के कितने बड़े हत्यारे हैं।विष समान ही है भावों को सूक्ष्मता से देखना या समझना।दरअसल यह देहहत्या नही है मगर आत्महत्या जरूर हैकिसी को या सबको अपना अनंत देकरशून्य रह जाना.... -
अनंत देकर शून्य रह जाना...मन की परतों को हटा कर पाना की हम स्वयं ही स्वयं के कितने बड़े हत्यारे हैं।विष समान ही है भावों को सूक्ष्मता से देखना या समझना।दरअसल यह देहहत्या नही है मगर आत्महत्या जरूर हैकिसी को या सबको अपना अनंत देकरशून्य रह जाना....
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सूखा पत्ता..... -
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शून्यता -
शून्यता
छठ(अनुशीर्षक में) -
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रील और रियल? -
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पिता कहीं नही जाते.....(अनुशीर्षक में) -
पिता कहीं नही जाते.....(अनुशीर्षक में)