20 JUL 2018 AT 23:17

आज फिर सूरज को
उसी रफ्तार से ढलते देखा
आज फिर तेरी याद में
एक दिन को गुज़रते देखा
बहुत मनाया इस दिल को
पर हाथ से फिसलते देखा
बहुत मुश्किल से थाम रखा था
पर टूट कर बिखरते देखा
आज फिर तेरी याद में
एक दिन को गुजरते देखा...

- प्रियांशी