दिल यूँ बेताब ना होता, गर तू महताब ना होता,झलक पाने को एक तेरी, हम भी यूँ साजिशें ना करते,गर हर रोज़ दीदार ऐ नज़र जो हमसे तेरा होता ।। - پریانش
दिल यूँ बेताब ना होता, गर तू महताब ना होता,झलक पाने को एक तेरी, हम भी यूँ साजिशें ना करते,गर हर रोज़ दीदार ऐ नज़र जो हमसे तेरा होता ।।
- پریانش