तुम मिले तो जीवन जीने की चाह हो गई
तुम मिले तो खुद की भी परवाह हो गई
हो फरिश्ता तुम, अनमोल मेरे जीवन के
क्या मोल मैं चुकाऊँ,लो अब तुम्हारी कर्जदार हो गई
चाहत हो, ज़िन्दगी हो, बेचैन दिल की राहत हो
बेदर्दी मतलबी दुनिया में तुम ही तो एक हमदर्द हो
संग रहना मेरे हमेशा,देना दगा कभी न
सांसो की डोर अब तुम्हारे साथ हो गई
रहो सलामत तुम हर पल में खुशियाँ मिलें
जो चाहो तुम दिल से हर दुआ हो मुकम्मल
कामयाबी चूमे कदम जहां में नाम हो तुम्हारा
क्या दूँ तुम्हें मैं तोहफा,खुद को तुम्हारे नाम कर दिया
सब कुछ निछावर तुम पर,कुछ शेष तो रहा न
बेसहारा इस जीवन का बस तुम ही हो सहारा
❤️❤️❤️❤️❤️
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