25 FEB 2018 AT 17:27

ख़ुदा ने भी अपनी चुपी तोड़ दी।
जब मैंने अपनी यादों को टटोला।।
हर याद में बस एक ही झलक थी।
जब मैंने अपनी यादों को सम्भाला।।

- Prisi