ख़ुदा ने भी अपनी चुपी तोड़ दी।जब मैंने अपनी यादों को टटोला।।हर याद में बस एक ही झलक थी।जब मैंने अपनी यादों को सम्भाला।। - Prisi
ख़ुदा ने भी अपनी चुपी तोड़ दी।जब मैंने अपनी यादों को टटोला।।हर याद में बस एक ही झलक थी।जब मैंने अपनी यादों को सम्भाला।।
- Prisi