25 FEB 2018 AT 18:00

ऐ ख़ुदा ! सुन ले बस इतनी दुआ ।
या तो इन साँसों को रोक दे
या फिर यादों का रुख मोड़ दे।।
ज़िन्दगी और यादों में आजकल
बहुत कशमकश है।
या तो कशमकश को ख़त्म करदे
या इस ज़िंदगी को ।।

- Prisi