कल एक सूजी आंखों वाली,यादों में लिपटी सी एक नज़्म मिली थी..सुना है.. मेरी ही क़लम से निकली थी.. - ©अभिव्यक्ति
कल एक सूजी आंखों वाली,यादों में लिपटी सी एक नज़्म मिली थी..सुना है.. मेरी ही क़लम से निकली थी..
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