22 OCT 2017 AT 5:54

भोर हुआ जब आँख खुली, ताजी ताजी हवा चली
हवा का बहना मन को भाया ,मन की आँखों से मिल पाया
नींद को खो कर सब कुछ पाया, प्रकृति से जीवन जगाया
लगा सोचने छवि देखकर ,ईश्वर ने क्या क्या है बनाया
जीवन को नयी दृष्टि से गुरु कृपा से मैं देख पाया
प्रकाश भरे सुबह से मिलकर जीवन को नई दिशा दे पाया
सुप्रभात

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