हवा चलती है और किताब के पन्ने खुलते चले जाते हैं अपने आप।आप होते हैंऔर मन के पन्ने खुलते चले जाते हैं अपने ही आप। -
हवा चलती है और किताब के पन्ने खुलते चले जाते हैं अपने आप।आप होते हैंऔर मन के पन्ने खुलते चले जाते हैं अपने ही आप।
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